Rajasthan ring road 110 किलोमीटर लंबी रिंग रोड से 294 गांव होंगे जुड़े, राजस्थान में होगा बड़ा बदलाव
Rajasthan ring road राजस्थान की सरकार विजन 2047 के तहत इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को शुरू करने जा रही है। इस रिंग रोड का निर्माण राजधानी जयपुर से आगरा रोड और दिल्ली तक बाइपास का विस्तार करेगा।
Rajasthan ring road :राजस्थान में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने राजस्थान में 110 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाने का ऐलान किया है, जो 294 गांवों से गुजरेगी। इस परियोजना पर कुल 6500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह परियोजना जयपुर शहर के ट्रैफिक की समस्या को हल करने में मदद करेगी और राज्य के आर्थिक ढांचे को मजबूत बनाने में योगदान करेगी।
रिंग रोड की महत्वता
राजस्थान की सरकार विजन 2047 के तहत इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को शुरू करने जा रही है। इस रिंग रोड का निर्माण राजधानी जयपुर से आगरा रोड और दिल्ली तक बाइपास का विस्तार करेगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के द्वारा इस परियोजना की शुरुआत जल्द ही की जाएगी। एलाइन्मेंट का काम पूरा हो चुका है, और अब जल्द ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी।
परियोजना की विस्तार योजना
NHAI ने इस परियोजना को दिल्ली बाइपास चौंप से अजमेर बाइपास तक विस्तारित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए एक नई DPR बनाई जाएगी। यह परियोजना 294 गांवों को चिह्नित करेगी, जिनकी जमीन अवाप्ति की जाएगी। अगले दो से तीन महीनों में यह प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। इस प्रक्रिया के बाद जैसे-जैसे जमीन का कब्जा मिलता जाएगा, वैसे-वैसे काम आगे बढ़ेगा।
सड़क की लंबाई और चौड़ाई
रिंग रोड की कुल लंबाई 110 किलोमीटर से ज्यादा होगी। इस रोड का कॉरिडोर 90 मीटर चौड़ा होगा और इसमें 6 लेन होंगे। इसे बनाने में मुख्य रूप से NHAI की टीम काम करेगी, जबकि इसके दोनों ओर 145-145 मीटर चौड़े डवलपमेंट कॉरिडोर का काम जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य जयपुर के बढ़ते ट्रैफिक को कम करना है और इसे बाहरी इलाकों से जोड़ना है।
किस क्षेत्र से ली जाएगी जमीन
इस परियोजना के तहत 294 गांवों से जमीन ली जाएगी। इन गांवों में सांगानेर तहसील के 32 गांव, फुलेरा के 21 गांव, मौजमाबाद के 12 गांव, किशनगढ़-रेनवाल के 4 गांव, कालवाड़ के 12 गांव, जमवारामगढ़ के 60 गांव, जयपुर तहसील के 36 गांव, चौंमू के 14 गांव, बस्सी के 13 गांव और आमेर तहसील के 90 गांव शामिल हैं। NHAI ने इन गांवों की खसरा रिपोर्ट जिला कलेक्टर से मांगी है।
परियोजना के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस रिंग रोड के बनने से जयपुर शहर में भारी वाहनों की आवाजाही को रोका जा सकेगा। वर्तमान में आगरा रोड और दिल्ली रोड से आने-जाने वाले भारी ट्रैफिक का दबाव जयपुर शहर पर बहुत ज्यादा है। इसके चलते कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ रही है। रिंग रोड के निर्माण के बाद यह ट्रैफिक अरावली की पहाड़ियों के पास से होकर निकलेगा, जिससे शहर के ट्रैफिक पर बहुत सकारात्मक असर पड़ेगा।
जयपुर के ट्रैफिक पर असर
जयपुर में ट्रैफिक का दबाव बढ़ने से शहरवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गाट की गूणी, ट्रांसपोर्ट नगर, रामगढ़ मोड, और कुकस जैसे इलाकों से भारी ट्रैफिक गुजरता है। रिंग रोड बनने से यह ट्रैफिक इन स्थानों से बाहर निकल जाएगा और जयपुर के मुख्य इलाके जाम से मुक्त हो जाएंगे। यह परियोजना जयपुर के ट्रैफिक की समस्याओं का समाधान करेगी और यात्रियों के लिए समय की बचत करेगी।
परियोजना की लागत और समयसीमा
इस रिंग रोड परियोजना पर 6500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा, निर्माण की समयसीमा को लेकर NHAI अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे जमीन अवाप्ति का काम पूरा होगा, वैसे-वैसे निर्माण कार्य भी तेज गति से शुरू किया जाएगा। परियोजना की अंतिम रिपोर्ट आने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आएगी और अगले कुछ वर्षों में यह परियोजना पूरी हो सकती है।
रिंग रोड का निर्माण क्यों जरूरी है
राजस्थान में बढ़ती आबादी और बढ़ते वाहनों की संख्या के कारण सड़क पर भारी दबाव बन गया है। जयपुर जैसे बड़े शहर में ट्रैफिक की समस्याएं न केवल शहरवासियों के लिए परेशानी का कारण बन रही हैं, बल्कि यह आर्थिक गतिविधियों में भी बाधा डाल रही हैं। इस रिंग रोड के निर्माण से न केवल ट्रैफिक की समस्या हल होगी, बल्कि यह राज्य की आर्थिक विकास को भी गति देगा।
पर्यावरण पर प्रभाव
रिंग रोड के निर्माण के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखना भी एक अहम मुद्दा होगा। NHAI ने इस परियोजना के लिए पर्यावरणीय आकलन भी किया है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान पहुंचे।
राजस्थान की रिंग रोड परियोजना न केवल जयपुर की ट्रैफिक समस्याओं को हल करने का एक प्रभावी कदम है, बल्कि यह पूरे राज्य के विकास में भी योगदान देगा। इस परियोजना से न केवल जयपुर बल्कि पूरे राजस्थान को आर्थिक और सामाजिक रूप से फायदा होगा। आने वाले वर्षों में इस रिंग रोड के निर्माण से प्रदेश का आर्थिक ढांचा मजबूत होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।